सो जैयों ललना हमारे, चंदा मामा अब ऊंगन बारे।। सो जैयों ललना हमारे, चंदा मामा अब ऊंगन बारे।।
अतृप्त ख्वाब, झूठे वादे और अश्कों से आंखें पुरनम, ये जीवन की मृगतृष्णा भी है, झूठ और सच का संगम। अतृप्त ख्वाब, झूठे वादे और अश्कों से आंखें पुरनम, ये जीवन की मृगतृष्णा भी है, झ...
सभी कविताएँ औरतों की लुकी- छिपी भावनाओं से सरोकार रखतीं हैं! कहीं प्रेम की बानगी है तो कहीं लहर सी ... सभी कविताएँ औरतों की लुकी- छिपी भावनाओं से सरोकार रखतीं हैं! कहीं प्रेम की बानगी...
और कोलाहल ? और कोलाहल ?
और फिर... और फिर...
और हम उनकी यादों में खोये रहते हैं... और हम उनकी यादों में खोये रहते हैं...